Wednesday, 28 October 2009

Ae maalik tere bande hum



अहं
निर्विकल्पो निराकाररुपो
विभुर्व्याप्य सर्वत्र सर्वेंद्रियाणाम्
सदा मे समत्वं मुक्तिर्न बन्ध:
चिदानंदरूप: शिवोऽम् शिवोऽम्